शिक्षा मनोविज्ञान के सिद्धान्त तथा व्यावहारिक पहलुओं से पर्याप्त तालमेल बिठाती हुई यह रचना शिक्षा मनोविज्ञान से सम्बंधित सभी आवश्यक आधारभूत प्रकरणों (जिन्हें देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों ने बी.एड. तथा बी.ए. के शैक्षिक पाठ्यक्रमों में स्थान दे रखा है) पर समुचित प्रकाश डालती है | विद्यार्थियों को ठीक तरह से जानकर उन्हें मनोविज्ञान के सिद्धान्तों का अनुसरण कराते हुए अधिगम पथ पर अग्रसर करने, उनका भली-भाँति समायोजन करने, मानसिक स्वास्थ्य को बनाये रखने तथा उनके व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास हेतु शिक्षा मनोविज्ञान की जिन आधारभूत बातों का ज्ञान एवं कौशल शिक्षकों तथा शिक्षा प्रेमियों के लिए चाहिए; वह सभी इस पुस्तक में उचित, क्रमबद्ध, सरल एवं बोधगम्य रूप में प्रस्तुत किया गया है | निस्संदेह यह पुस्तक विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों के डी.एड., बी.एड. तथा बी.ए. (शिक्षा) के पाठ्यक्रमों की आवश्यकताओं को समुचित ढंग से पूरा करती है | इसके साथ ही यह पुस्तक एम.एड., एम.ए.(शिक्षा) के विद्यार्थियों, शिक्षकों, शिक्षा परामर्शदाताओं, तथा शैक्षिक प्रशासकों आदि हेतु भी समग्र दृष्टिकोण से विशेष उपयोगी है |
This book is recommended in Patna University, T.M. Bhagalpur University, Magadh University Bodh Gaya, Aryabhat Knowledge University, Patna.
मुख्य आकर्षण :
विषय-वस्तु का सरल, सरस, रोचक एवं बोधगम्य प्रस्तुतीकरण |
सैद्धन्तिक और व्यवहारात्मक ज्ञान का उचित समन्वय |
अध्याय विशेष में क्या पठन सामग्री है, यह जानने हेतु अध्याय के प्रारम्भ में अध्याय रूपरेखा तथा अंत में पुनरावृत्ति हेतु 'सारांश' तथा विशेष अध्ययन हेतु संदर्भीत एवं विशेष अध्ययन ग्रन्थों की प्रस्तुति |
पाठ्य सामग्री के उचित प्रस्तुतीकरण हेतु उदाहरणों, दृष्टाँतों, तालिकाओं तथा रेखाचित्रों एवं आरेखों का समावेश |
विद्यार्थियों की क्षमताओं एवं योग्यताओं के आकलन हेतु प्रारम्भिक एवं शैक्षिक सांख्यिकी का प्रस्तुतीकरण |